विलुप्त होते फल
बनबेर या उन्नाव, बेर की जाति का पौधा है और पश्चिम हिमालय प्रदेश, पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी सीमा प्रांत, अफगानिस्तान, बलोचिस्तान, ईरान इत्यादि में पाया जाता है। इसकी झाड़ी काँटेदार, पत्ते बेर के पत्तों सा तथा नुकीले, फल छोटी बेर के बराबर और पकने पर लाल रंग के होते हैं। उत्तरी अफगानिस्तान का उन्नाव सर्वोत्कृष्ट होता है। इसका मराठी तथा उर्दू में भी ’उन्नाव’ ही नाम है। संस्कृत में इसे सौबीर तथा लैटिन में जिजिफ़स सैटिवा कहते हैं। इस औषधि का उपयोग विशेषकर हकीम करते हैं। इनके मतानुसार इसके पत्ते विरेचक होते हैं तथा खाज, गले के भीतर के रोग और पुराने घावों में उपयोगी हैं। परंतु औषधि के काम में इसका फल ही मुख्यतः प्रयुक्त होता है जो स्वाद में खटमीठा होता है। यह कफ तथा मूत्र निस्सारक, रक्तशोधन तथा रक्तवर्धक कहा गया है। खाँसी, कफ और वायु से उत्पन्न ज्वर, गले के रोग, यकृत और प्लीहा (तिल्ली) की वृद्धि में विशेष लाभदायक माना गया है। .
बेर स्वाद में खट्टे-मीठे और पोषण से भरपूर होते हैं। इसका स्वाद लोगों के मन को जितना भाता है, उससे ज्यादा इसे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। इस बात का जिक्र कई वैज्ञानिक अध्ययनों में भी मिलता है।
बनबेर के फायदे
बेर का उपयोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने के लिए किया जा सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) द्वारा पब्लिश रिसर्च में भी इसकी पुष्टि हुई है। अध्ययन के मुताबिक, इसमें पॉलीसेकेराइड नामक कार्बोहाइड्रेट होता है। यह इम्यूनोमॉड्यूलेशन गतिविधि दिखाता है, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत हो सकता है।
बेर खाने के फायदे में हड्डी स्वास्थ्य भी शामिल है। इस संबंध में प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च में दिया है कि शरीर में कॉपर की कमी से हड्डी संबंधी समस्या और खासकर हड्डियां कमजोर होती हैं। ऐसे में बेर में मौजूद कॉपर हड्डियों को कमजोर होने से रोक सकता है। साथ ही बेर में कैल्शियम और फास्फोरस भी होते हैं। इन्हें हड्डियों के निर्माण और स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जाता है।
बेर खाने के फायदे में वेट कंट्रोल भी शामिल है। एक वैज्ञानिक शोध की मानें, तो बेर का सेवन करने से बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), फैट और शरीर का वजन कम हो सकता है। इसी वजह से वजन नियंत्रण के लिए बेर को जाना जाता है। वजन कम करने के लिए सीधे बेर या फिर इसकी चटनी खा सकते हैं।
बेर के स्वास्थ्य संबंधी परीक्षणों में पाया गया है कि बेर के अर्क में कई ऐसे गुण होते हैं, जो शरीर में रक्त संचार को बढ़ा सकते हैं। साथ ही इसमें पाया जाने वाला नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त प्रवाह और रक्तचाप को नियंत्रित करने कर सकता है। इसके लिए सूखे या ताजा दोनों तरह के बेर खा सकते हैं।
अमीनो एसिड, बायोएक्टिव पदार्थ और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव, मानव कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में आवश्यक माने गए हैं। बेर में इनका मौजूद होना बताता है कि इसका सेवन कैंसर की रोकथाम के लिए प्रभावी हो सकता है।
बेर के खाने के फायदे में अनिद्रा को दूर करना भी शामिल है। एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि बेर में सैपोनिन्स नामक तत्व होता है, जो नींद में सुधार कर सकता है। साथ ही इसे मन को शांत करने और मानसिक तनाव से राहत दिलाने में भी सहायक माना गया है। अनिद्रा को दूर करने के लिए सोने से पहले बेर का सेवन कर सकते हैं।
बेर खाने के फायदे हृदय पर भी दिखाई दे सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, बेर में कई के फाइटोकॉन्स्टिट्यूएंट्स होते हैं। ये भी एंटी कार्डियोवैस्कुलर डिजीज यानी हृदय रोग से बचाव करने की क्षमता प्रदर्शित करते हैं। ऐसे में हृदय रोग के जोखिम से बचने के लिए बेर का सेवन किया जा सकता है।
बेर का उपयोग पाचन तंत्र और कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए भी किया जाता है। दरअसल, बेर को पाचन तंत्र को रेगुलेट करने की हर्बल दवाई माना जाता है। साथ ही यह गंभीर कब्ज की स्थिति को भी ठीक कर सकता है। माना जाता है कि बेर में मौजूद फाइबर की वजह से यह पाचन तंत्र और उससे जुड़ी समस्याओं के लिए अच्छा होता है।
बेर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के खिलाफ लड़ने के लिए न्यूरोप्रोटेक्शन प्रभाव होता है। यह प्रभाव दिमाग को शांत रखने में कारगर होता है। साथ ही इसके अर्क का सेवन चिंता से ग्रस्त लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसे में तनाव और चिंता से बचने के लिए बेर और बेर के पाउडर का उपयोग कर सकते हैं।
बेर एक गुणकारी फल है, जो दिमाग को शांत और नींद में सुधार कर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार कर सकता है। साथ ही इसका न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण मस्तिष्क स्वास्थ्य को बेहतर कर सकता है। यही नहीं, मस्तिष्क संबंधी विकार पर बेर प्रभावी असर दिखाता है। बेर के बताए गए लाभ ब्रेन डैमेज के जोखिम को दूर कर सकते हैं। इसके लिए बेर सीधे खा सकते हैं या बेर की चाय पी सकते हैं।
बेर खाने के फायदे में सूजन कम करना भी शामिल है। एक रिसर्च के अनुसार, बेर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गतिविधि होती है। इससे सूजन की शिकायत कम हो सकती है। साथ ही बेर में मौजूद बायोमोलिक्यूल भी सूजन को कम करने व रोकने में मददगार साबित हो सकते हैं।
बेर के पत्ते खाने के फायदे में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी स्वास्थ्य को भी गिना जा सकता है। साथ ही इसका सेवन करने से पेट की अन्य समस्याएं भी कम हो सकती हैं। यही नहीं, बेर के सेवन से आंत में संक्रमण और सूजन को कम किया जा सकता है। रिसर्च के अनुसार, बेर के फल और पत्तियों का उपयोग दस्त और आंतों के रोगों के उपचार में कर सकते हैं।
एक शोध के दौरान माताओं के दूध में आर्सेनिक, लेड और कैडमियम (हानिकारक टॉक्सिक पदार्थ) के स्तर पर बेर का परीक्षण किया गया। इसके परिणाम में पाया गया कि दो महीने तक प्रतिदिन 15 ग्राम ताजा बेर का सेवन करने से दूध के ये हानिकारक तत्व कम हो सकते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि बेर मां के दूध की गुणवत्ता को बनाए रख सकता है।
बेर खाने के फायदे में दौरे को कम करना भी शामिल है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, बेर के हाइड्रोक्लोरिक अर्क में मौजूद एंटीकॉन्वल्सेन्ट गुण दिमागी दौरे के जोखिम को कम कर सकता है। साथ ही यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को भी दूर कर सकता है।
बेर में तनाव के खिलाफ लड़ने की क्षमता होती है। साथ ही यह दिमाग की न्यूरोनल कोशिकाओं की रक्षा भी करता है। बेर के सेवन से याददाश्त के साथ सीखने की क्षमता भी बढ़ती है। इसमें न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण भी होते हैं, जो दिमाग का विकास करते हैं। साथ ही इससे जुड़ी कई बीमारियां भी दूर होती हैं।
बेर के सेवन से ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। साथ ही इसमें फाइबर और मैग्नीशियम भी पाया जाता है। यह पोषक तत्व अंडाशय को स्वस्थ बनाकर रोगों से दूर रखने का काम कर सकता है। हालांकि, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
बेर में एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव होते हैं, जो कई प्रकार के बैक्टीरिया से हमारी रक्षा करने में सहायक होते हैं। बेर के अर्क का उपयोग और सेवन गंभीर संक्रमणों को दूर कर बैक्टीरिया और फंगल पर असरदार प्रभाव दिखा सकता है।
सिर दर्द की स्थिति से राहत पाने के लिए भी बेर का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, बेर में एनाल्जेसिक प्रभाव होता है, जिसे दर्द कम करने के लिए जाना जाता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि बेर सिर दर्द से राहत दिला सकता है। इसके लिए बेर या इससे बनी चटनी का सेवन कर सकते हैं।
बेर खाने के फायदे आंखों को स्वस्थ रखने के लिए भी हो सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो बेर के उपयोग से आंखों के संक्रमण को ठीक किया जा सकता है। दरअसल, बेर में एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है, जो लगभग सभी तरह के संक्रमण से राहत दिला सकता है।
मुंह के अल्सर से राहत पाने में बेर सहायक साबित हो सकता है। एक विज्ञानिक अध्ययन में दिया हुआ है कि बेर में एंटीअल्सर गतिविधि होती है। इस गतिविधि को अल्सर की समस्या से बचाव व उसके लक्षण को कम करने के लिए जाना जाता है। ऐसे में माना जा सकता है कि बेर मुंह के अल्सर से राहत दिला सकता है। इसके लिए रोजाना बेर का सेवन करना फायदेमंद रहेगा।
बेर के फायदे में त्वचा को स्वस्थ रखना भी शामिल है। एक शोध के मुताबिक, बेर में वुंड हीलिंग प्रभाव होता है, जो त्वचा के घाव भर सकता है। साथ ही यह शरीर से टॉक्सिन निकालकर त्वचा को साफ कर सकता है। यही नहीं, बेर को एक्जिमा के कारण होने वाली खुजली को भी दूर करने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, बेर का तेल त्वचा की सूजन को बढ़ने से रोकने की क्षमता भी रखता है। बेर को डाइट में शामिल करके ये फायदे उठाए जा सकते हैं।
बेर के बीजों से बना एसेंशियल ऑयल बालों की लंबाई व मोटाई बढ़ाने के साथ ही बालों को मजबूत बना सकता है। इसके अलावा, यह बालों को जरूरी पोषक तत्व भी प्रदान करता है। बस तो इसके लिए बेर के बीजों के तेल में नारियल तेल लगाकर बालों की मसाज करें और कुछ देर बाद बालों को धो लें।
बेर से नुकसान
मधुमेह रोगियों को उनके कार्बोहाइड्रेट की मात्रा का ध्यान रखना आवश्यक है। ऐसे में मधुमेह रोगी इस फल का सेवन अधिक करने से बचें। बेर फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो कब्ज को ठीक करने में सहायक होता है। जब फाइबर की अधिक मात्रा हो जाती है, तो यह गैस और पेट की सूजन का कारण बन सकती है। लेटेक्स से एलर्जी हो, तो बेर के सेवन से बचना चाहिए।
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