विलुप्त होते फल
शहतूत या तूत में कई जरूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो इसे कई गंभीर समस्याओं के लिए उपयोगी औषधि बना देते हैं। सेहत के साथ-साथ इसका उपयोग त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद माना गया है।
शहतूत खाने के फायदे
रक्त संचार में सुधार के लिए शहतूत के लाभ हासिल किए जा सकते हैं। दरअसल, शहतूत में सायनायडिंग 3-ग्लूकोसाइड नाम का फाइटोन्यूट्रिएंट पाया जाता है। यह खून को साफ करने के साथ ही रक्त संचार में भी सुधार कर सकता है। इस कारण हम यह कह सकते हैं कि शहतूत के सेवन से न केवल खून में मौजूद अशुद्धियों को दूर किया जा सकता है, बल्कि रक्त परिसंचरण यानी ब्लड सर्कुलेशन की प्रक्रिया को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी शहतूत को उपयोग में ला सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक शहतूत में साइटोप्रोटेक्टिव यानी कोशिकाओं को नुकसान से बचाने वाला और तंत्रिका तंत्र से संबंधी समस्याओं को दूर करने वाला न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव पाया जाता है। ये दोनों प्रभाव संयुक्त रूप से मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
शहतूत में हाइपरग्लाइसेमिक प्रभाव पाया जाता है, जो शरीर में इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ा सकता है और खून में शुगर की अधिक मात्रा को कम करने में सहायक हो सकता है। इस कारण डायबिटीज के रोगियों के लिए शहतूत का सेवन एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक शहतूत की पत्तियों में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन के लिए जरूरी हैं। यह पाचक रसों के बनने की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं। वहीं, फल के अलावा, कच्चे फल से बने पाउडर का सेवन पाचन प्रक्रिया को मजबूत कर सकता है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि बिगड़ी पाचन शक्ति को फिर से दुरुस्त करने में शहतूत के लाभ मददगार साबित हो सकते हैं।
एनीमिया की समस्या में भी शहतूत का इस्तेमाल किया जा सकता है। बताया जाता है कि शहतूत में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने वाला एंटी-हीमोलिटिक प्रभाव पाया जाता है, जो एनीमिया के जोखिम को काफी हद तक कम करने में सहायक हो सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक शहतूत में जिंक और मैंगनीज अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इनमें जिंक मुख्य तौर पर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में मदद कर सकता है। वहीं, मैंगनीज कोशिकाओं को मुक्त कणों यानी फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचा सकता है।
हड्डियों से संबंधित एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है कि शहतूत कैल्शियम से भरपूर होता है। वहीं, कैल्शियम हड्डियों के लिए आवश्यक माना गया है, जो उन्हें मजबूती देने के साथ-साथ बोन टिश्यू के निर्माण में भी मदद कर सकता है। कैल्शियम शहतूत के हर प्रकार में मौजूद होता है।
शहतूत में अधिक मात्रा में डाइटरी फाइबर और लिनोलेइक एसिड मौजूद होता है। इनके कारण इसमें हाइपोलिपिडेमिक यानी खून में मौजूद वसा को कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित कर सकता है। वहीं, शहतूत पर किए गए एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि इसकी पत्तियों में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने वाला एंटी-हाइपरटेंसिव प्रभाव भी पाया जाता है। ये दोनों ही हृदय संबंधी जोखिम कारक हैं।
शहतूत का सेवन खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को नियंत्रित कर सकता है। वहीं, यह शरीर में मौजूद वसा को तोड़कर, उसकी उपापचय प्रक्रिया को तेज करने में भी सहायक हो सकता है। इससे शरीर का वजन कम करने में मदद हो सकती है।
शहतूत में पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोनॉयड पाए जाते हैं। कैंसर से संबंधित एक शोध में यह पाया गया है कि शहतूत में पाए जाने वाले यह तत्व कैंसर के जोखिमों को कम करने में मददगार हो सकते हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कैंसर जैसी गंभीर समस्या से बचाव में भी शहतूत को उपयोग में ला सकते हैं। हांलाकि, कैंसर के लिए शहतूत का उपयोग उपचार के रूप में नहीं करना चाहिए। कैंसर होने पर डॉक्टर द्वारा बताया गया ट्रीटमेंट ही कारगर हो सकता है।
सर्दी और जुकाम की समस्या को कम करने के लिए भी शहतूत का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक, शहतूत में विटामिन सी और फ्लेवोनॉइड्स की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो सर्दी और जुकाम जैसे लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
आंखों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने के लिए भी शहतूत को इस्तेमाल कर सकते हैं। कारण यह है कि शहतूत में विटामिन-ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ-साथ उन पर आने वाले तनाव को दूर कर सकता है। रेटिना से संबंधित दोषों को भी दूर करने में यह मददगार साबित हो सकता है।
शहतूत का जूस पीने से त्वचा को चमकदार और मुलायम बनाया जा सकता है। दरअसल, इसमें त्वचा के लिए आवश्यक कई जरूरी विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं। वहीं, त्वचा की देखभाल के लिए तैयार की जाने वाली क्रीम में भी इसे एक आवश्यक सामग्री के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इस कारण ऐसा माना जाता है कि इसके जूस का सेवन आपकी त्वचा के लिए लाभकारी हो सकता है।
शहतूत का उपयोग त्वचा के लिए लाभकारी हो सकता है। वहीं, यह विटामिन-सी का भी स्रोत है। विटामिन सी ऐसा तत्व है, जो त्वचा को साफ करने, दाग-धब्बों को हटाने और अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने में सहायक हो सकता है।
शहतूत विटामिन-सी का अच्छा स्रोत है। विटामिन-सी के कारण शहतूत का जूस त्वचा को साफ करने और दाग-धब्बों को दूर करने में मदद कर सकता है। साथ ही विटामिन-सी अपने एंटी-एजिंग प्रभाव के कारण बढ़ती उम्र के लक्षणों को भी रोकने में सक्षम है। ऐसे में चेहरे पर समय से पहले होने वाली झुर्रियों से बचाव के लिए इसके अर्क को सीधे चेहरे पर लगाना फायदेमंद हो सकता है।
शहतूत में कई ऐसे मिनरल और विटामिन मौजूद होते हैं, जो बालों के बेहतर विकास के लिए सहायक माने गए हैं। इस कारण बालों को मजबूती देने के लिए शहतूत के जूस से बालों की जड़ों की मसाज करने की सलाह दी जाती है। यह बालों में मेलिनिन की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है, जो बालों के रंग के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में यह उम्र से पहले आने वाली बालों की सफेदी को रोकने में भी मदद कर सकता है। इसके लिए इसके जूस को पीने के साथ स्कैल्प पर लगाने के लिए इस्तेमाल करें।
शहतूत के नुकसान
गुर्दे की बीमारी वाले लोगों को, जिन्हें पोटेशियम की कम मात्रा लेने की सलाह दी जाती है, वे शहतूत के सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें। अधिक मात्रा में पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से किडनी से जुड़ी परेशानियां हो सकती है।
यह ब्लड शुगर को कम करता है, इस कारण हाइपोग्लाइसेमिया (ब्लड शुगर कम होना) की समस्या हो सकती है। ऐसे में जिन्हें मधुमेह की समस्या है वे इसका सेवन करते वक्त अपनी शुगर की मात्रा की जांच करते रहें, ताकि रक्त शर्करा में उतार-चढ़ाव से बचा जा सके।
कुछ लोगों में यह त्वचा संबंधी एलर्जी पैदा कर सकता है। वहीं, कच्चे सफेद शहतूत खाने से पेट दर्द और मतिभ्रम की शिकायत हो सकती है।
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