विजय राजपूत ने गाजर को उगा किया सपना साकार

Carrot

इरादे नेक हों और लगन का जुनून सिर पर हो तो सफलता कदम चूमती है। ऐसा ही करिश्मा चंबल के बीहड़ गांव सेंगनपुर के किसान ने अपनी जिद के दम पर कंटीली वादियों में गाजर की फसल उगाकर किसानों को बागवानी की संभावनाओं से परिचित करा डाला।

उल्लेखनीय है कि जिस भूमि पर मोटे अनाजों को उगाने का सपना किसी किसान ने नहीं देखा था, ऐसे में विजय सिंह राजपूत ने अपने अथक प्रयासों से पानी और जानवरों की समस्या को नजरअंदाज कर अपने दम पर इस बंजर भूमि के सीने को चीरकर जब गाजर की फसल उगाने का फैसला किया तो अन्य किसानों ने उनकी ठिठोली उड़ाई। मगर अपनी धुन के पक्के विजय ने किसी की एक नहीं सुनी और अपने कारवां को आगे बढ़ाया ही नहीं, बल्कि सफल क्रियान्वयन के चलते गाजर की बंफर फसल उगाते हुए किसानों को संभावनाओं से परिचित करा डाला। अपनी मेहनत से गदगद विजय सिंह अपने खेतों में अमरूद, आंवला सहित कई बागवानी पौधों को लगा लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत का काम कर रहे हैं।

उन्नतिशील किसान विजय बताते हैं कि उनके पूर्वजों ने हमेशा विपरीत जलवायु और विलायती बबूल की समस्या का सामना किया और मोटे अनाजों को उगाने के अलावा बागवानी के बारे में कभी सोचा भी नहीं। मेरे मन में हमेशा इसको लेकर टीस रहती थी और मैंने तमाम सामाजिक और पारिवारिक विरोध को दरकिनार कर फलों और सब्जियों को उगाने का फैसला किया, जो सफल भी रहा। अब तमाम किसान मुझसे फसलों के बारे में जानकारी लेने आते हैं और मैं सबको अपने निजी अनुभवों से अवगत करा रहा हूं।

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