विराजमान हुए रामलला

Ram-Temple-Ayodhya

अयोध्या। श्रीरामलला 22 जनवरी, 2024, दिन सोमवार को अभिजीत मुहूर्त में अपने दिव्य और भव्य मंदिर में विराजमान हो गये। प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दौरान मंदिर के गर्भ गृह में प्रधानमंत्री के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

प्राण प्रतिष्ठा पूजा विधि के मुख्य यजमान के रूप में प्रधानमंत्री मंदिर परिसर में प्रवेश किये। वह अपने हाथ में श्रीरामलला को पहनाने के लिए चांदी का छत्र लिए हुए थे। शंख ध्वनि के बीच प्रधानमंत्री के हाथों श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा हुई। काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 वैदिक आचार्यों ने अनुष्ठान संपन्न कराया।

रामलला की प्रतिमा की विशेषताएं

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प्रभु राम के बाल रूप की मनोहर प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह में प्राण-प्रतिष्ठित कर दिया गया है। तस्वीर में रामलला मस्तक पर तिलक और हाथ में धनुष और बाण धारण किए और मंद-मंद मुसकुराते हुये बेहद सोम्य मुद्रा में खड़े हैं। रामलला की फाइनल की गई मूर्ति को मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। मूर्ति को कृष्ण शैली में बनाया गया है। इसमें श्याम शिला का उपयोग किया गया है।

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मूर्ति में प्रभु राम की 11 वर्ष की अवस्था दर्शाई गई है। प्रतिमा में रामलला के अंगूठे से लेकर सिर तक की ऊंचाई 51 इंच है। मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है। मूर्ति की कुल चौड़ाई 3 फीट है। मूर्ति के पीछे प्रभु का आभामंडल बनाया गया है और आभामंडल में भगवान विष्णु के 10 अवतारों की भी छोटी-छोटी मूर्ति बनाई गई है। आभामंडल में गणेश जी, चक्र, ॐ, स्वस्तिक चिन्ह, गदा, शंक भी बनाए गए हैं। आभामंडल में नीचे की तरफ एक तरफ हनुमान जी और दूसरी तरफ गरुड़ जी की भी मूर्ति बनाई गई है।

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