काव्य संकलन 'अगीतांजलि' का लोकार्पण
‘नवसृजन’ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, लखनऊ व अ.भा. अगीत परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में यश शेष डॉ. रंगनाथ मिश्र ‘सत्य’ जी की जयंती के अवसर पर 52वें साहित्यकार दिवस एवं 58वें साहित्यकार सम्मेलन का आयोजन स्थानीय गांधी भवन, लखनऊ के करण भाई सभागार में संपन्न हुआ।
समारोह के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वी.जी. गोस्वामी (पूर्व अधिष्ठाता विधि विभाग. ल.विवि.), वरेण्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार श्री महेश चन्द्र द्विवेदी (पूर्व पुलिस महानिदेशक, उ.प्र.), प्रो. (डॉ.) उषा सिन्हा (पूर्व अध्यक्ष - भाषा विज्ञान विभाग, ल.विवि.), प्रो. (डॉ.) ओम प्रकाश पाण्डेय (पूर्व अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, ल.विवि.), डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी (पूर्व सलाहकार सदस्य, योजना आयोग, भारत सरकार) एवं श्री अनिल मिश्र (पूर्व संपादक उ.प्र. हिंदी संस्थान, लखनऊ) थे।
मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं यशः शेष डॉ. रंगनाथ मिश्र ’सत्य’ के चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात डॉ. योगेश के संचालन एवं श्रीमती शशि श्रेया की वाणी वन्दना से आरंभ इस कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुल्तान शाकिर हाशमी को डॉ. रंगनाथ मिश्र ’सत्य’ सुस्मृति सम्मान-2023 एवं डॉ. अमिता दुबे को कल्याणी देवी सुस्मृति सम्मान-2023 तथा डॉ. सुषमा सौम्या को यशः शेष श्रीमती शान्ति सक्सेना सुस्मृति सम्मान, डॉ. अशोक कुमार श्रीवास्तव को यशः शेष रामराज मौर्य सुस्मृति सम्मान एवं देवेश द्विवेदी ’देवेश’ को अगीत अम्बुधि सम्मान से प्रतीक चिह्न एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
समारोह में डॉ. योगेश द्वारा सम्पादित अगीत काव्य संकलन ’अगीतांजलि’ का लोकार्पण भी मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया। मुख्य वक्ता डॉ. शिव मंगल सिंह ’मंगल’ ने लोकार्पित कृति पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए संकलन के सभी रचनाकारों को अपनी शुभकामनाएं दी।
समारोह में प्रो. (डॉ.) वी.जी. गोस्वामी, मंजू सक्सेना, विजय कुमारी मौर्य ’विजय’, अमिता सिंह, डॉ. श्याम गुप्त, त्रिवेनी प्रसाद दूबे ‘मनीष’, अनिल किशोर शुक्ल ‘निडर’, राम प्रकाश शुक्ल ‘प्रकाश’, मनमोहन बाराकोटी, अरविन्द रस्तोगी सहित कृति के रचनाकारों को ’अगीत अबुधि सम्मान’ से प्रतीक चिह्न एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
रत्ना बापुली, जया शर्मा, रूपा पाण्डेय सतरूपा, शशि श्रेया, देवकी नन्दन शान्त, डॉ. सत्यदेव प्रसाद द्विवेदी ’पथिक’, रवीन्द्र नाथ तिवारी, नरेन्द्र भूषण, डॉ. अजय प्रसून, आचार्य ओम नीरव, उमेश चन्द्र दुबे, विजय त्रिपाठी, रमाशंकर सिंह, अखिलेश निगम आदि रचनाकारों को यशः शेष साहित्यकारों की स्मृति में प्रतीक चिह्न एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
मंचस्थ अतिथियों ने हिंदी साहित्य जगत में अगीत आन्दोलन एवं यशः शेष डॉ. रंगनाथ मिश्र ’सत्य’ के साहित्यिक अवदान पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्हें भावांजलि अर्पित की। देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए अनेक साहित्यकारों को ’साहित्य सुरभि सम्मान’ से अलंकृत किया गया। समारोह में युवा कवयित्री शशि श्रेया ने डॉ. रंगनाथ मिश्र ’सत्य’ जी की कविताओं का वाचन कर एवं लोकार्पित कृति ’अगीतांजलि से कवियों एवं कवयित्रियों ने अपनी अगीत रचनाओं का पाठ कर डॉ. रंगनाथ मिश्र ’सत्य’ जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
संयोजक अनुराग मिश्र (अध्यक्ष, अ.भा. अगीत परिषद्, लखनऊ) एवं सह संयोजक अशुतोष मिश्र ने उपस्थित सभी अतिथियों एवं साहित्यकारों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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